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क्या है किराना दुकान का भविष्य?

क्या है किराना दुकान का भविष्य?

छोटे शहरों में किराना दुकान की कतारें देखने को आसानी से मिल जाती हैं। लेकिन, बड़े शहरों का क्या? कभी आपने बड़े शहरों में गौर किया है कि किराना दुकान कुछ खास इलाके में ही होते हैं। जो इलाका थोड़े पैसे वाले लोगों का होता है वहाँ किराना दुकान का नज़र आ जाना ही बड़ी बात होती है। 


ऐसे इलाके में आपको सुपरमार्केट आसानी से देखने को मिल जाएंगे। सप्ताह के अंत में सुपरमार्केट या मॉल में भीड़ देखने वाली होती है। 


ऐसा क्यूं है? क्या कारण है कि लोग अब किराने का सामान सुपरमार्केट या मॉल से ही खरीदने लगे हैं। और ऐसी स्थिति में आने वाले समय में किराना दुकान का भविष्य क्या और कैसा होगा? 


आइए समझते हैं इन पहलुओं को और देखते हैं कैसा हो सकता है किराना दुकान का भविष्य! 


आने वाले समय में किराना दुकान का भविष्य हो सकता है कुछ ऐसा : - 


किराना दुकान बन सकते हैं ‘स्मार्ट किराना दुकान’ -


जमाना तेजी से स्मार्ट बन रहा है और ऐसे में जमाने के साथ किराना दुकान को भी स्मार्ट बनने की जरूरत है। यही आज के टाइम की डिमांड है। अब आप ही सोचिए जहां आज के समय में ही लोग तकनीक से जुड़ते चले जा रहे हैं तो आने वाले समय में यह स्थिति कैसी हो सकती है। तकनीक धीरे-धीरे आम यूजर्स के लिए इतनी आसान बनती चली जा रही है कि लोग हर छोटा-से-छोटा काम अपने फोन पर करना पसंद कर रहे हैं। 


ऐसे में किराना दुकान को आने वाले समय में स्मार्ट बनना ही पड़ेगा। वरना किराना बिजनेस तेज भागती दुनिया में काफी पीछे छूट सकते हैं। डिजीटलाइजेशन, हर किराना दुकान के भविष्य के रूप में देखा जा सकता है।


बदलना पड़ सकता है बिजनेस करने का तरीका - 


ऐसा भी हो सकता है कि किराना दुकानदार को अपना बिजनेस पूरे तरीके से बदलना पड़ जाए। चाहे फिर वो लोकल व्यापारियों से माल खरीदना हो या फिर एक सीमित दायरे में माल बेचना, आने वाला वक्त सबकुछ बदल सकता है। आने वाले वक्त में एक दुकानदार मार्जिन के अनुसार अलग-अलग जगह से ऑनलाइन खरीदारी कर सकता है और मुनाफे के अनुसार माल को ऑनलाइन बेच सकता है। 


सरकारी प्लेटफॉर्म से मिल सकती है मदद - 


फिलहाल एमजॉन, फ्लिकार्ट जैसी कंपनियां व्यापारियों को बिजनेस के लिए बड़ा प्लेटफॉर्म देती हैं। लेकिन, आने वाले वक्त में ONDC जैसे सरकारी ओपन नेटवर्क (Open Network) पर दुकानदार अपना सामान बेच सकते हैं। इससे दुकानदारों को काफी मुनाफा हो सकता है।


जुड़ना पड़ सकता है बड़ी दुकानों के साथ - 


सुपरमार्केट और मॉल दानव की तरह किराना स्टोर के सामने खड़े होने लगे हैं। देखकर लगता है मानों आज न कल ये छोटे दुकानदारों को निगल जाएंगे। ऐसे में किराना दुकानदारों को एक साथ मिलकर बिजनेस करना पड़ सकता है। अकेले हर दुकानदार के लिए लंबी रेस में खड़ा रहना मुश्किल हो सकता है। लेकिन, जब एक साथ मिलकर सभी दुकानदार बिजनेस करेंगे तो ये बिजनेस लंबी रेस का घोड़ा बन सकता है। 


मोबाइल किराना स्टोर का आ सकता है दौर -


एक किराना स्टोर की ज्यादातर कमाई एक जगह लेने में, उसके लिए एडवांस देने में, हर महीने वहाँ दुकानदारी करने के लिए रकम अदा करने में चली जाती है। ऐसे में किराना दुकानदार के मुनाफे पर काफी असर पड़ता है। 


इसका एक शानदार उपाय है मोबाइल किराना स्टोर। ऐसे में एक गाड़ी पर किराना के सामान को सेट करना होता है, और उसे जगह-जगह ले जाकर बेचना होता है। ये आइडिया अभी बाहर के देशों में काफी चल रहा है। आने वाले समय में ये हमारे देश में भी नजर आ सकता है। इससे किराना दुकानदार की इनकम में इजाफा भी हो सकता है। 


सुपरमार्केट को धूल चटा सकते हैं किराना स्टोर - 


कोरोना काल के बाद से लोगों का आवागमन मॉल और कहीं भी बाहर काफी कम हो गया था। ऐसे में लोग अपनी जरूरत का सामान मंगाने के लिए दो तरीकों का इस्तेमाल कर रहें थे। एक वो ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे थे दूसरा वो अपने आस-पास के किराना स्टोर से शॉपिंग कर रहें थे।


लेकिन कई लोग ऑनलाइन शॉपिंग करना भी पसंद नहीं कर रहे थे क्योंकि उनके मन में शक था कि कहीं प्रोडक्ट से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा न हो। ऐसे में सबसे सुरक्षित उपाय लोगों को आस-पास की दुकान ही लग रही थी। 


इस स्थिति ने ग्राहकों के साथ एक रिश्ता कायम किया। आने वाले समय अगर ये स्थिति या फिर ऐसी कोई भी स्थिति उत्पन्न होती है, लोग सबसे पहले किराना स्टोर की ओर ही भागेंगे।


सारांश 


हर चीज का एक दौर होता है और उस दौर के बाद वो चीज या तो बदल जाती है या खत्म हो जाती है। किराना दुकानदारों को भी आने वाले समय के हिसाब से अपने बिजनेस के तौर-तरीकों में बदलाव लाना होगा। यह जरूरी है क्योंकि किराना दुकान लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाते हैं। लेकिन अगर इनसे बेहतर कोई विकल्प लोगों को मिले तो लोग उस ओर भागेंगे ही। इसलिए किराना स्टोर को ही खुद में समयनुसार बदलाव लाना होगा, ताकि जरूरत और सप्लाई का ताल-मेल ठीक तरीके से चल सके और किराना दुकानदार लंबे समय एक्टिव बिजनेस में नजर आ सकें।


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