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इन 10 गलतियों से हो सकता है व्यापार में नुकसान!⚠️
कोई नहीं चाहता कि उसे बिजनेस में नुकसान सहना पड़े। लेकिन, कई बार व्यापारियों को ऐसी समस्या का सामना करना पड़ता है। वैसे तो बिजनेस में मुनाफा-नुकसान समय-समय पर होते रहना काफी आम बात है। लेकिन, अगर लाख कोशिशों के बाद भी आपको बिजनेस में फायदा नहीं हो रहा है तो आपको एक बार वास्तु दोष के बारे में जरूर सोचना चाहिए।
दरसल, वास्तुशास्त्र पूरी तरह से पाँच तत्व पर आधारित है, अगर इनमें से एक में भी कमी हो तो दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वास्तुशास्त्र पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश पर आधारित है। इन पांचों तत्व के अनुकूल होने से बिजनेस में या किसी भी कार्यक्षेत्र में फायदा होता है। वही इन पाँच तत्व के प्रतिकूल होने से बिजनेस में नुकसान और परेशानी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वास्तु की छोटी-मोटी जानकारी न होने से, दुकानदार अक्सर गलतियाँ कर बैठते हैं जिससे उनको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आज हम लेकर आएं हैं, आपके लिए वास्तु से जुड़ी कुछ खास जानकारी।
जानें वो 10 गलतियाँ जिससे हो सकता है आपको बिजनेस में नुकसान और कैसे इन्हें सुधार कर आप कर सकते हैं अपने बिजनेस में मुनाफा।
भूलकर भी न करें वास्तु की ये दस गलतियां, बिजनेस में हो सकता है नुकसान : -
न भूलें पांचजन्य शंख की पूजा करना : - माता लक्ष्मी के भाई के रूप में शंख को जाना जाता है। वास्तु के अनुसार अगर पांचजन्य शंख को कार्यस्थल में विधि विधान के साथ स्थापित किया जाए और नियमित रूप से इसकी पूजा की जाए तो माता लक्ष्मी इससे प्रसन्न होती है।
व्यापार में मंदी चल रही हो तो एक बार आप शंख स्थापना और पूजन करा सकते हैं। ऐसे करने से व्यापार वापस पटरी पर आ सकता है। अगर आपने शंख की स्थापना कर रखी है तो नियमित रूप से उसकी पूजा करना न भूलें।
स्फटिक से बनी चीजें रखना न भूलें : - वास्तु में स्फटिक को काफी लाभकारी माना गया है। कारोबार में वृद्धि के लिए अपने कार्यस्थल में श्रीयंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, क्रिस्टल वाला कछुआ, स्फटिक से बनी चीजें, स्फटिक की माला आदि से रखें। ऐसा करने से कारोबार में फायदा हो सकता है।
कार्यस्थल की दीवारों का रंग रखता है मायने : - कार्यस्थल में दीवारों का रंग काफी मायने रखता है। वास्तु के अनुसार अगर दीवारों का रंग गहरा हो तो इससे नेगेटिव एनर्जी का संचार होता है। वही अगर दीवारों का रंग हल्का हो तो इससे सकारात्मक एनर्जी का संचार होता है। आप अपनी दुकान को सफेद या क्रीम कलर से पेंट करा सकते हैं।
खिड़की दरवाजों पर दें खास ध्यान : - अगर आपके कार्यस्थल या दुकान के दरवाजें या खिड़कियां टूटी हुई है या फिर उनमें से आवाज आती है तो आपको तुरंत इसपर ध्यान देने की जरूरत है। वास्तु के अनुसार टूटी खिड़कियां-दरवाजें अशुभ होते हैं और व्यापार में नुकसान का कारण बन सकते हैं।
इसके साथ सभी फर्नीचर का भी दुरुस्त हालत में रहना वास्तु के हिसाब से जरूरी है। इसके अलावा कार्यस्थल के दरवाजों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि वे अंदर की तरफ खुलें। बाहर की ओर खुलने वाले दरवाजे नकारात्मकता का प्रतीक हैं।
घोड़े की नाल बचाएगी बुरी नजर से : - घोड़े की नाल को कार्यस्थल के प्रवेश द्वार पर लगाने से व्यापार में वृद्धि होती है और आप बुरी नजर से दूर रहते हैं। घोड़े की नाल को दरवाजे पर लगाते समय यह ध्यान रखें कि उसे ‘U’ के आकार में ही लगाएं। गलत आकार में इसे लगाने से विपरीत परिणाम मिल सकते हैं।
पैसे रखने की जगह रखती है मायने : - वास्तु के अनुसार कार्यस्थल में कैश काउंटर की जगह व्यापार की वृद्धि में काफी अहम भूमिका निभाती है। ध्यान रखें कि पैसे रखने की जगह या कैश काउंटर उत्तर दिशा में ही हो।
उत्तर दिशा को कुबेर की दिशा माना जाता है। तो अगर पैसे भी उत्तर की दिशा में रखें जाएं तो इनकम काफी बढ़ता है। वही अगर पैसे किसी अन्य दिशा में रखें जाएं तो ये हानि का कारण बन सकता है।
बैठने की जगह के पीछे न हो भगवान : - दुकान में जिस जगह बैठने का स्थान हो उसके पीछे भगवान का मंदिर या मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से व्यवसाय में नुकसान हो सकता है। कोशिश करें की भगवान की मूर्ति या मंदिर दुकान में पूर्व दिशा में हो।
रौशनी से भरी हो आपकी दुकान : - दुकान या कार्यस्थल में प्राकृतिक रौशनी होना वास्तु के नजरिए से बेहद जरूरी है। दुकान कभी भी कम रौशनी या अंधेरे में नहीं होनी चाहिए।
अगर रौशनी प्राकृतिक हो तो ये तो काफी अच्छा है, लेकिन अगर प्राकृतिक रौशनी की सुविधा न हो तो आप आर्टिफ़िशियल लाइट्स से अपनी दुकान को सजा सकते हैं। रौशनी से भरा कार्यस्थल पॉजिटिव एनर्जी का संचार करता है। इससे बिजनेस में मुनाफा ही होगा।
दुकान की एंट्री रखें क्लीयर : - दुकान की एंट्री साफ-सुथरी और क्लीयर होनी चाहिए। अक्सर लोग दुकान की एंट्री को काफी सामान से भर देते हैं। ऐसा करना वास्तु के हिसाब से गलत है। काफी सारी सजावट की चीजों से भी एंट्री को न भरें। ऐसा करने से ग्राहक दुकान में आने से कतरा सकते हैं। ये दुकान के लिए नुकसान दायक साबित हो सकता है।
वॉशरूम की दिशा न हो गलत : - वास्तु के अनुसार वॉशरूम में नेगेटिव एनर्जी होती है, इसलिए इसका सही दिशा में होना बेहद जरूरी है। हमेशा वॉशरूम को उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में ही होना चाहिए।
कभी भी वॉशरूम दुकान या कार्यस्थल के मुख्य द्वार यानि एंट्री पर न बनाएं। ऐसा करने से वास्तु-दोष होता है और ग्राहक दुकान से दूर जाने लगते हैं।
सारांश:
अगर कड़ी मेहनत के बावजूद भी कारोबार में मंदी चल रही हो तो संभव है कि कार्यस्थल में वास्तु-दोष हो। ऊपर दी गई गलतियों में से हो सकता है कि कोई एक या एक से अधिक गलती आप कर रहे हों।
वास्तु के अनुसार दुकान या कारोबार चलाने से, फायदा होने की संभावना बढ़ती है। ध्यान रखें कि, अगर आप नया कारोबार या दुकान शुरू कर रहे हैं तो उसमें वास्तु के अनुसार ही बदलाव लाएं। ऐसा करने से आपको बिजनेस में फायदा हो सकता है।